सदगुरु कहते हैं आप सिमरन करे जितना भी जैसे भी
आपको वक्त मिले..दो नहीं तो एक घंटा...एक नहीं
तो आधा घंटा..आधा नही तो जितना भी समय
मिले.
अगर फिर भी आप busy हो तो चलते फिरते खाते
पीते उठते बैठते.अपना काम तक करते करते ... बस जिस
तरह भी हो आप सिमरन करते रहें.
गुरु हमेशा आपके संग है.
और अगर इसके बावजुद भी..इतना कहकर भी
अगर आप सिमरन नहीं करते या आप कहते हो कि
वक्त नहीं मिलता
तब शायद
गुरु को पछतावा होगा
कि उसने आपकौ नाम क्युं दिया..?
शायद आप इसके काबिल ही नहीं...
शायद आप ये भुल गयें है कि
आपको ये मनुष्य जनम मिला ही क्युं..?
इसलिये
जब भी वक्त मिले
जैसे भी समय मिले
नाम सिमरन करते रहें.
अपना जीवन सफल करें। . 👏🏼🌺🙏🏻
👌कबीर पांच पहर धन्धां किया, तीन पहर गया सोय।
एक पहर हरि न सुमरा, फिर मुक्ति कैसे होय।
👌कबीरा ये मन गाफिल हुआ, सुमरन मे लागै नाहीं।
बहुत सहैगा सजा, फिर जम की दरगाह माहीं।
👌कबीर जप-तप, संयम, साधना, सब सुमिरन के माहीं।
कबीरा जानें राम धन, सुमिरन समान कुछ नाहीं।
👌कबीर जिन हरि जैसा सुमरया, ताको तैसा लाभ।
ओसां प्यास न भागही, जब तक दसै न आप।

 🌹 जय बन्दी छोड़ की 🌹

      🙏 सत साहेब जी 🙏

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